कामयाब
महिलायें
महिलायें हर क्षेत्र में है कामयाब रहती है
चाहे देश हो विदेश हो घर हो खलिहानों हो
नभ हो थल हो जल हो हर कार्य को वो बख़ूबी करती
हर आयाम में विशेष योगदान देती है
चाहे वे कही भी कार्य करे पर घर की भी ज़िम्मेदारी उन पर ही होती है
महिला एक बेटी मॉ बहन पत्नी बन कर
चाहे देश हो विदेश हो घर हो खलिहानों हो
नभ हो थल हो जल हो हर कार्य को वो बख़ूबी करती
हर आयाम में विशेष योगदान देती है
चाहे वे कही भी कार्य करे पर घर की भी ज़िम्मेदारी उन पर ही होती है
महिला एक बेटी मॉ बहन पत्नी बन कर
घर के साथ सामंजस्य
बना कर रखती है
वो शक्तिरुपा सहनशील समझदार सुसंस्कारित समझौता वादी होती है
तभी तो दो कुल को सम्भालती और सवांरती है
आज महिला पुरुषों से कंधे से कंधा मिला कर चलती है
और प्रत्येक क्षेत्र में अपना डंका बजाया करती है
वो लक्ष्मी सरस्वती और ज़रूरत पड़े तो काली दुर्गा भी बन सकती है
उन्हें अब कम न आँका जाये
आज की नारी अब अबला नही सबला बन कर रहती है
हर हाल में खुश रहती है और हर परिस्थिति को संभाल लेती है
मातृशक्ति को नमन करती हूँ और हर काम में कामयाब होने का सम्मान करती हूँ
२२.३.१६
वो शक्तिरुपा सहनशील समझदार सुसंस्कारित समझौता वादी होती है
तभी तो दो कुल को सम्भालती और सवांरती है
आज महिला पुरुषों से कंधे से कंधा मिला कर चलती है
और प्रत्येक क्षेत्र में अपना डंका बजाया करती है
वो लक्ष्मी सरस्वती और ज़रूरत पड़े तो काली दुर्गा भी बन सकती है
उन्हें अब कम न आँका जाये
आज की नारी अब अबला नही सबला बन कर रहती है
हर हाल में खुश रहती है और हर परिस्थिति को संभाल लेती है
मातृशक्ति को नमन करती हूँ और हर काम में कामयाब होने का सम्मान करती हूँ
२२.३.१६
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