प्यारी सुरभि
पहले सब काम तुम्हारा मै करती थी
अब तुम अपना और सब का काम अकेले कर लेती हो
सुरभि अब तुम छोटी से .....
तुम को पहले मै तैयार करती थी अब तुम अपने से सज लेती हो
सुरभि अब तुम छोटी से ....
पहले तुम्हें मै पढ़ाती थी अब तुम खुद ही पढ़ लेती हो
और मुझे भी पढ़ा देती हो
सुरभि अब तुम छोटी से ......
पहले तुमको खाना बना कर मै खिलाती थी
अब तुम खाना बनाती भी हो और सब को खिलाती भी हो
सुरभि अब तुम छोटी से .....
पहले मै तुम्हें घुमाती थी अब तुम सब को घुमाती हो और मुझे भी घुमाती हो
सुरभि अब तुम छोटी से .....
पहले तुम्हारे जन्मदिन मे मै सबको बुलाती थी
अब जन्मदिन की तैयारी तुम्हें ख़ुद को करनी होती है
सुरभि अब तुम छोटी से.....
सुरभि अब तुम बड़ी हो गयी हो और मै बूढ़ी हो गयी हूँ
इस तरह तुम बढ़ी हो और और आगे बढ़ो और नयी नयी ऊँचाइयों को छुओ
मेरे हर काम को तुम कर रही हो तो तुम मेरे और मेरे से भी बेहतर काम करना और आगे बढ़ना
मेरा आशीर्वाद सदैव तुम्हारे साथ होगा
मुझे गर्व है कि तुम मेरी सुरभि हो
प्यार और आशीर्वाद के साथ
तुम्हारी मॉ
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२८.२.१६
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