

सुरभि और सचिन
आज से दो साल पहले सुरभि सचिन की मन की मुराद पूरी हुईऔर वो पवित्र बंधन में बंध गये और एक हो गये
सबको अपना बना ली और सबकी अपनी हो गई
हर क़दम पर सचिन का साथ देना और ध्यान देना
पल पल सचिन का ख़्याल रखना
दादी की प्यारी और दुलारी बहू
मॉ जी की आर्दश बहू पापा जी की समझदार बहू
साकेत और शुभम की ख़ूबसूरत भाभी
ननदो को मान समान्न करने वाली भाभी
बुआओं का भरपूर प्यार ने अपना बना लिया
हर माहौल में अपने को ढाल ली हर हाल में निभा ली
सबके प्यार और दुलार ने सुरभि को अपना बना लिया
इस तरह ही दुलार मान और सचिन का प्यार मिलता रहे
मेरी दुलारी बेटी पापा की लाड़ली बेटी
भईया की नख़रीली प्यारी बहन नुपूर भाभी की संगी सहेली
इस तरह से अपनों को अपना बना ली
हर पल खुश रहना औरों को खुश रखना
यही हम सब दुआ करते है
१५/१२/१५
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