Tuesday, December 26, 2017


सुरभि का जन्मदिन

आज से २९ साल पहले एक नन्ही परी का जन्म हुआ तब मै २४ की थी
दिन था शनिवार और समय ११ बजे दोपहर
प्यारी सी बेटी का जन्म हुआ अति ख़ूबसूरत गोरी सी प्यारी सी 
मुझे पता नही था कि बेटी होगी
पर मैंने बहुत सारे क्रोशिये से ऊन का फ्राक बनायी और सिलाई की
भगवान ने मुझे बेहद प्यारी सी गुडिया दी
उसे गुडिया की तरह सजाती सँवारती प्यार करती
और कुछ ख़ास तरह से उसकी परवरिश की
बालों को सँवारती और चोटी बनाती तो कभी बालों को काट कर माडल बनाती
जैसे वो मेरे लिये कोई गुडिया थी अच्छे अच्छे कपड़े पहनाती और जी भर सजाती
उससे बातें करती पर वो कुछ कह नही पाती
बहुत दिनों तक बातें सुनी फिर बोलना सीखी
फिर धीरे धीरे चलना सीखी और पढ़ना तो अपने से सीखी
उसे भी गुडिया का बहुत है शौक़
फिर कमलनी स्कूल मे पढ़ने गयी उसे स्कूल भेज मै भी कम्प्यूटर सीखी
और इस तरह से तीन साल कमलनी में पढ़ने के बाद केन्द्रीय स्कूल में अायी
स्कूल की सारी बात साझा करती मेरे साथ ये सब करती जैसे वो मेरी है सहेली
फिर धीरे धीरे सीढ़ी दर सीढ़ी आगे बढ़ी और हाई स्कूल की पूरी की पढ़ाई
हायर सेकेण्डरी बाहर विशाखापट्टनम चली वहॉ स्कूल की ख़त्म की पढ़ाई
अब बारी आयी कैरियर की तो चुनी पढ़ाई दाँतो के डाक्टर की





स्कूल 

हम 40 सालों के बाद एक बार फिर मिल रहे है
वो स्कूल के दिनों का मज़ा मस्ती और धमाल चौकड़ी फिर करेंगे
हम 40 सालों के बाद फिर मिलेंगे
ये सब कमाल डिजिटल दुनिया की वजह से
साल भर पहले राजश्री और हम मिले
और मिलने का, जुड़ने का सिलसिला चल पड़ा
वो यादें और बातें अब भी ताज़ा है
बचपन के दोस्तों की बात ही अनोखी है
हम 40 सालों बाद......
सब अपने अपने मुक़ाम को हासिल किये
और अच्छे ओहदे पर पहुँचे सब यादों में है
राजकुमारी का वो टेबल टेनिस याद है मुझे
वंदना और रंजना का शर्मीलापन और शांत स्वभाव याद है मुझे
नीति का वो बात बात में हँसना याद है मुझे
निवेदिता का सुंदर सा चेहरा याद है मुझे
वो दुबली पतली लम्बी सी लड़की प्रीति याद है मुझे
वो छोटी सी लम्बे बालों वाली आशा याद है मुझे 
मिताली पारमिता होशियारी की सूची में थे 
उनका बात न करना याद है मुझे
संगीता का फुदकना चहकना याद है मुझे
रेणु राजश्री का वो बिंदासपन याद है मुझे
बाक़ी की यादें धूमिल हो गयी है पर मिलने पर सब याद आ जायेंगे ...
40 सालो के बाद ...
वक्त बदल गया पहले बच्चे थे अब बच्चों के दादी नानी बन गये है
वो अल्हडपन न जाने कहॉ चला गया 
वो बेफ़िक्री कहॉ काफ़ूर हो गयी
फिर भी लगता है एक बार बचपन,
वो दोस्त,वो स्कूल फिर सब वापस आ जाये
और हम सब उसमें डूबते चले जाये

डूबते चले जाये
40 सालों के बाद...



काम बेलता है
यदि हर कालेज या स्कूल चाहे तो विलंब शुल्क या अन्य आय को जन कल्याण योजनाओं में लगाते तो आज देश की स्तिथि बहुत ही अच्छी होती। इसी तारम्तय में हमारे संस्था द्वारा विद्धर्थियों द्वारा विलंब शुल्क या अन्य शुल्क को जन कल्याण की योजना में लगाने का एक छोटा सा प्रयास किया गया है।
इस सत्र में मितानीन को टेबलेट दिया गया और प्रशिक्षित भी किया गया। केन्द्र सरकार की योजना के अंतर्गत डिजिटल इंडिया को हर गॉव और शहर तक पहुँचाने की ज़िम्मेदारी MLC द्वारा लिया गया है। इसी सिलसिले में ६ वीं से १० वीं तक के बच्चों को निःशुल्क कम्प्यूटर प्रशिक्षण दिया जाता है जिस के द्वारा लगभग १०० बच्चे लाभान्वित हुए।
साथ ही सरकार द्वारा सुकन्या समृद्धि योजना के अंतर्गत १७ बच्चों को चिन्हांकित कर ५००/- का सहयोग राशि दी जा रही है। ताकि बेटी बढ़ेगी तो पढ़ेगी इस बात को जीवंत किया जा सके। हमारे संस्था के द्वारा बीच बीच में बच्चों को पढ़ाई के लिये जागरुक करते रहते है और समय समय पर जागरुकता लाने के लिये पढ़ाई की सामग्री दी जाती है। ५ बालिकाओं को १० वीं परीक्षा दिलाया गया ताकि वो पढ़े लिखे भारत की नागरिक बन सके।
      महिलाओं के जीवन स्तर को सुधारने के लिये समय समय पर निःशुल्क सिलाई सीखाया जाता है और ब्यूटी पार्लर का भी निःशुल्क प्रशिक्षण दिया जाता है।
महिलाओं को साफ़ सफ़ाई से भी अवगत कराया जाता है इस के अंतर्गत सेनिटर नैपकिन वेंडिग मशीन लगाया गया है ताकि वे नेपकिन का इस्तेमाल और सफ़ाई का विशेष ध्यान रखे।
इस तरह से MLC institute द्वारा समय समय पर अपने देश के प्रति ज़िम्मेदारी को बिना किसी सहयोग राशि के पूरा कर रही है। महिला सशक्त होगी तभी देश सशक्त होगा।
१७.११.१७
साधना शर्मा
शैलेंद्र पांडे
आप डॉ सी वी रामन के है कर्णधार हम सबके है आधार
बाम्हण के वंश है परशुराम के अंश है
जो ठान लिये उसे करके रहते है
नदी की धार को मोड़ देना का दम रखते है
जिस को चाहते उसे सब निछावर करते है
मनमोहक मुस्कान से सबको आकर्षित करते है
आध्यात्मिक और प्रबंधन के ज्ञाता है
इसलिये बड़े से बड़े सममस्या का समाधान कर चुटकी में निपटाते है
सब को वश में कर लेते है इसलिये स्वामी जी के क़रीब है
और आनन्दवाहिनी के कर्ता धर्ता बने है
आप में हुनर है सबको अपना बनाने का इसलिये सबके दिल में राज करते है राज करते है
आदरणीय कलेक्टर सर
देश की सेवा में अपना जीवन निछावर कर देते है शहीद । तो क्या हम अपने जीवन का कुछ अंश जिसमें हम प्रांगण है उसे देश के काम लगा दे तो क्या बुरा है । इस सोच को आगे बढ़ाते हुए हम इस में संचार क्रांति के द्वारा देश की सेवा करना चाहते है । और इस संदर्भ में कोरबा जैसे आदिवासी  बाहुल्य क्षेत्र को कम्प्यूटर शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ाने का संकल्प लिये है। कोरबा क्लेक्टर और शिक्षा विभाग के श्री श्रीकांत दुबे जी से चर्चा कर रामपुर विधानसभा क्षेत्र के बालिका छात्रावास में अभी पाँच कम्प्यूटर सिस्टम दान किये , क्योंकि देश आज मोदी जी के जन्मदिन पर 'सेवा' के रुप में माना रहा है तो हम 'बालिका शिक्षा की सेवा ' करते हुए इस दिवस को मना रहे है। इस सेवा को आगे बढ़ाते हुए मेरे २५ साल के कार्यकाल होने के उपलक्ष्य में २५ कम्प्यूटर दान करने की योजना है। और कम्प्यूटर पर हमारे देश की भाषा हिन्दी पर ६-७ पुस्तक भी लिखी है ताकि हिन्दी भाषी बच्चों को कोई परेशानी न हो। और पहले भी २००२ में क्लेकटरेट के लगभग १२४ कर्मचारियों को निःशुल्क कम्प्यूटर प्रशिक्षण दिया गया था। और आने वाले समय पर किसी भी तरह के कम्प्यूटर प्रशिक्षण के लिये हमारी संस्था प्रशिक्षण देने के लिये तैयार है। एक छोटा सा सुझाव है कि हमें स्टूडेंटस को कम्प्यूटर मे  स्किल्ड करना होता है और कार्यालय मे डेटा एन्टरी करना होता है तो कार्यालय का डेटा और एन्टरी के लिये हमारे स्टूडेंट्स मिल जायेंगे और इससे दोनो का काम हो जायेंगा। और इस तरह से देश का स्किल्ड इंडिया होने का सपना पूरा हो जायेगा।
20.9.2017

सीधे समझने वालों के लिये सुदामा है ब्राह्मण
राजनीति करने वालों के लिये चाणक्य है ब्राह्मण 
दुर्व्यवहार करने वालों के लिये रावण है ब्राम्हण 
ब्राम्हण को तुच्छ समझने की ग़लती न करे
एेसे समझने वालों के लिये परशुराम है ब्राम्हण
कैसे संस्थान एक एक पायदान से होते हुए पच्चीसवें पायदान पर पहुँच गयी याने कि अपने रजत जयंती की ओर । लगता है कि कल की ही बात है , जब हम एक किराये के कम्प्यूटर से आज अच्छा ख़ासा ८० कम्प्यूटर के लैब के साथ समाज को डिजिटल बनाने में अपना योगदान दिये है।  सच अब तक बहुत से बच्चों को कम्प्यूटर साक्षर करने में सहयोग प्रदान किया साथ ही साथ रोज़गार से जोड़े , चाहे वह क़स्बा हो गॉव हो या ज़िला पंचायत हो या जनपद हो या बडे शहर से लेकर विदेश तक हमारे पढ़ाये हुए विद्यार्थी रोज़गार कर रहे है। मुझे फक्र है कि मेरे विद्यार्थी आज अपना व्यवसाय भी कर रहे है और स्टैण्ड अप इंडिया को साकार कर रहे है। बस इस कड़ी को आगे बढ़ाते हुए हम चाहते है कि हमारे २५ साल में पढ़े सारे विद्यार्थी जहॉ कही भी हो ६ और ७ जनवरी को २०१८ को अपनी उपस्थिति दर्ज करा कर , एक बार पुरानी यादों को ताज़ा कर साझा करे । आप सभी अपनी सहमति के लिये अंगूठे का निशान डाले ताकि आप सब को किसी तरह की असुविधा न हो। यदि किसी कारणवश न आ पाये तो कुछ अच्छी बातें यादें वीडियो या आवाज़ के माध्यम से हमें अपनी बातें जरुर साझा करे। चूँकि आप सब का नम्बर हमारे पास नही है इसलिये इसे आप सब अपना आमंत्रण पत्र मानें और मुझे पूरी उम्मीद ही नही पूरा विश्वास है कि सभी इस कार्यक्रम में जरुर सिरकत करेंगें।
तुम सब की साधना शर्मा

20 /12/17 




























सुरभि और सचिन

आज से दो साल पहले सुरभि सचिन की मन की मुराद पूरी हुई
और वो पवित्र बंधन में बंध गये और एक हो गये
सबको अपना बना ली और सबकी अपनी हो गई
हर क़दम पर सचिन का साथ देना और ध्यान देना
पल पल सचिन का ख़्याल रखना
दादी की प्यारी और दुलारी बहू
मॉ जी की आर्दश बहू पापा जी की समझदार बहू
साकेत और शुभम की ख़ूबसूरत भाभी
ननदो को मान समान्न करने वाली भाभी
बुआओं का भरपूर प्यार ने अपना बना लिया
हर माहौल में अपने को ढाल ली हर हाल में निभा ली
सबके प्यार और दुलार ने सुरभि को अपना बना लिया
इस तरह ही दुलार मान और सचिन का प्यार मिलता रहे
मेरी दुलारी बेटी पापा की लाड़ली बेटी
भईया की नख़रीली प्यारी बहन नुपूर भाभी की संगी सहेली

इस तरह से अपनों को अपना बना ली
हर पल खुश रहना औरों को खुश रखना
यही हम सब दुआ करते है


१५/१२/१५ 

Visual Basic .Net Programming

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