Tuesday, March 22, 2022

 डिस्क ऑपरेटिंग सिस्टम

परिचय डिस्क ऑपरेटिंग सिस्टम एक नॉन टैक्स्चुअल यूजर इन्टरफेस ऑपरेटिंग सिस्टम है। इसके कई संस्करण बाजार में उपलब्ध है जो लगातार कुछ विषेशताओं के साथ प्रयोक्ताओं केा नयी सुविधाएॅ उपलब्ध कराते है।

History एम एस डॉस का पूरा नाम माइक्रा साफ्रट डिस्क ऑपरेटिंग सिस्टम है। यह अधिक लोकप्रिय ऑपरेटिंग सिस्टम है। जो माइक्रो कम्प्यूटर में प्रयुक्त होता है।

IBM ने पहला ऑपरेटिंग सिस्टम तैयार किया जिसका नाम पी सी डॉस था। जिसे पर्सनल कम्पयूटर डिस्क आपरेटिंग सिस्टम कहा जाता है। बिलगेटस ने इसे developed करने में मदद किया था बाद में Bill Gate ने स्वंय की Microsoft Corporation Company किया है। अगस्त 1981 Micro Soft Corporation ने 1 +0 संस्करण का Operating System तैयार किया जिसका नाम M.S. DOS था जब Micro Computer Hard Disk के साथ M.S. DOS की Second संस्करण को ¼2 +0½ Developed 1983 में किया तब इसका मुख्य कार्य यह था कि यहां Single Disk में एक से ज्यादा File को Save कर सकता था। सन् 1984 में इन्टेल 80286 प्रोसेसर युक्त माइक्रो कम्प्यूटर विकसित किये गये, तब ही एम एस डॉस 3.0 और MS DOS 4.0 Versions का विकास किया गया। MicroSoft के इस Operating System को DOS कहा जाता है। क्योंकि यह अधिकतर डिस्क से संबंधित इनपुट/आउटपुट में कार्य करता है। Versions Of  DOS- अब तक के 1 से 6 तक के डॉस वर्जन बाजार में आ चुके है। इनमें 6.22 वर्जन सबसे बाद का है। प्रत्येक वर्जन में कुछ अतिरिक्त गुण या कमाण्ड है। यदि कम्प्यूटर में डॉस का 6 से नीचे वाला वर्जन है। तो 6 वर्जन में लागू होने वाला कमाण्ड इस्तेमाल नहीं हो सकते, लेकिन छटे वर्जन से नीचे के संस्करणों के सभी कमाण्ड डॉस-6 में उपलब्ध होते है।

DOS Basics-

Physicals Structure of Disk- डिस्क को संगठित करने हेतु डॉस इन्हें दो भागो में विभक्त करता हैः सिस्टम क्षेत्र (System Area) तथा डेटा क्षेत्र (Data Area) सिस्टम क्षेत्र वह भाग है जो डॉस डिस्क के मूल सूचना का ब्योरा रखने के लिये प्रयोग मे आता है। तथा डेटा क्षेत्र वह भाग है जहॉ डेटा संगृहीत होता है। सिस्टम क्षेत्र डिस्क कि बहुत ही छोटे भाग अर्थात् लगभग 2 प्रतिशत भाग को ही प्रयोग में लाता है। सिस्टम क्षेत्र को डॉस अलग से तीन अतिरिक्त भागो में बॉटता है। जो बूट (Boot) फैट(FAT) तथा मूल डायरेक्ट्री (Root Directory)  होते है।

 

बूट रिकॉर्ड          फैट       मूल डायरेक्ट्री     

Boot Record DOS का पहला रिकॉर्ड Drive Name-किसी भी पर्सनल कम्प्यूटर पर सामन्यः दो प्रकार के डिस्क होते है। स्थानांतरणीय तथा स्थिर एक कम्प्यूटर में सामान्यतः दो स्थानंतरणीय एवं एक स्थिर ड्राइव होते है। फ्लॉपी डिस्क ड्राइव सामान्यतः स्थानांतरणीय होते है। जिसको A और B नाम दिया जाता है। स्थिर ड्राइव को हार्ड डिस्क ड्राइव कहा जाता है। इसे C से निरूपित  किया जाता है। यदि हार्ड डिस्क एक से अधिक हो यह हार्ड ड्राइव कहलाता है।

FAT- File Allocation Table

File-Computer में Data और सूचना को एकत्रित  करके संग्रहित करने के लिये एक इकाई (Unit) को फाइल करते है। यह इलेक्ट्रॉनिक विधि से संग्रहित कि जाती है, इसलिये इसे इलेक्ट्रॉनिक फाइल भी कहते है। कम्प्यूटर की इलेक्ट्रॉनिक फाइल मुख्य रूप से दो प्रकार कि होती है।

o       डाटा फाइल

o       प्रोग्राम फाइल

Data File- डाटा फाइल सूचनाओं को आंकडो (Records) के रूप में संग्रह करके रखती है। जैसे विद्यार्थी के आंकडों की फाइल में विद्यार्थी के नाम,रोल न.,परीक्षा में प्राप्तांक आदि संग्रह करके रख सकते है।

 

Program File- प्रोग्राम फाइल में किसी कम्प्यूटर भाषा में लिखे निर्देषो को संगृहित करते है। प्रोग्राम फाइल इसमें संगृहित निर्देषों को क्रियान्वित कर फाइल को बनाता है।

DOS Command

Internal Command-

1 Dir Command:-स्कीन पर फाइल को दर्शाने के लिये डास प्राम्पट का उपयोग किया जाता है। Dir Command के द्वारा वर्तमान क्रियाशील डायरेक्ट्री से आप दूसरी डायरेक्ट्री या उप-डायरेक्ट्री की फाइलो को देख सकते हैं।

            C:\>DIR      

2 Md Command:- डायरेक्टरी के नामकरण के नियम फाइलों के नामकरण जैसे ही है, लेकिन चलन यह है कि डायरेक्टरीयों को विस्तारित नाम नहीं दिया जाता है क्योंकि डायरेट्ररी वस्तुतः एक समान होते है एंव इनकी प्रकृति मे कोई असमानता नही होती।

किसी डायरेक्ट्ररी या उप डायरेक्ट्री बनानें के लिए MD या MKDIR कमाण्ड का प्रयोग किया जाता है। उदाहरण के लिए C प्राम्ट पर College नाम की एक डायरेक्ट्ररी बनानी है तो निम्न कमाण्ड टाइप करेगें-

C:\>MD College  (MD  के स्थान पर MKDIR भी दे सकतें है।)

3 CD Command :- यदि किसी खास डायरेक्ट्ररी की फाइलों तक पहॅंुचना चाहतें है तो CD या CHDIR कमाण्ड का प्रयोग करना होगा। पहले CD या CHDIR टाइप करें, फिर एक खाली जगह छोड़े, फिर जिस डायरेक्ट्ररी में पहुचना है उसका नाम टाइप करे और enter दबाएं।

C:\>CD College (CD के स्थान पर CHDIR भी दे सकतें है)

4 RD Command डायरेक्ट्री को मिटाना फाइल को मिटाने के अपेक्षाकृत कठिन है। किसी भी डायरेक्ट्री मिटाने से पहले निम्न बिंदुओं का स्पष्टीकरण आवश्यक है।

o       कोई भी डायरेक्ट्री या उप-डायरेक्ट्री तब तक नहीं मिट सकती जब तक कि वह डायरेक्ट्री पूर्णता खाली न हो अर्थात् उसमें कोई उप-डायरेक्ट्री या फाइल न हो। अपितु डायरेक्ट्री मिटाने से पहले उसके अंदर स्थित सारी फाइलो एवं उप-डायरेक्ट्री को मिटा देते है।

o       जिस डायरेक्ट्री में है उस डायरेक्ट्री को नहीं मिटा सकते है। जैसे मान लीजिए कि स्क्रीम पर प्राम्पट की स्थिति यह है कि C:\College> और College को मिटाने की प्रयास कर रहें है तो यह सफल नहीं होगा। तथा कम्प्यूटर त्रुटि संदेश (Message) देता रहेगा। किसी डायरेक्ट्री को RD या Rmdir के द्वारा मिटाते है। उदाहरण स्वरूप निम्न विधि को देखें

C:\>RD College

उपर्युक्त कमाण्ड की सहायता से College डायरेक्ट्री मिट जायेगी।

5 Copy Con Command डॉस में छोटी मोटी फाइल बनाने की आवश्यकता पड़ती है। इसके लिये Copy con नामक Command का use किया जाता है। मान लीजिए एक फाइल Myfile.bat नाम की fileबनानी है। तो इस तरह Command लिखें-

Syntax:- c:\>copy con <file name>

Ex:- c:\>Copy con myfile.bat

@echo off

Date

Time

Cls

Echo Wel-come to MLC College

Echo.

Echo

^Z ;k F6 (for saving a file)

 

6 Copy Command:- फाइल को एक स्थान से दूसरे स्थान या उसी स्थान पर कॉपी करने के लिये Copy Command का प्रयोग किया जाता हैं।

Syntax:-C:\> Copy  <Old File Name>  <New File Name>

Ex:- C:\>Copy myfile.bat  myfile1.bat

 

7 DEL Command& Del Command देकर कोई भी फाइल समाप्त की जा सकती है। यदि फाइल myfile.bat  को, जो C ड्राइव पर है। समाप्त करना चाहते है। तो निम्न कमाण्ड देंः

C:\>Del  myfile.bat

8 Ren Command  (फाइल का नाम बदलना ):- फाइल का नाम बदलने के लिये Ren या Rename Command का प्रयोग करते हैं।

Syntax:- C:\> Ren  <Old File Name>  <New File Name>

Ex. C:\> Ren myfile1.bat  myfile.txt

 

9 Vol Command :-Vol Command एक आंतरिक कमाण्ड है जिसका परिचय डॉस संस्करण 2.0 में हुआ। इसका प्रयोग निर्धारित डिस्क के वॉल्यूम लेबल अथवा नाम को दर्शाने में होता हैं जब फ्लॉपी डिस्क को फॉरमेट करते हैं तो फॉरमेट समाप्त होने के पश्चात् डॉस निम्नलिखित संदेश प्रदर्षित करता हैं- Volume Label<11 character,Enter for none>?

इस समय डिस्क का कोई नाम देते हैं जिसका प्रदर्शन Vol कमाण्ड की सहायता से किया जाता हैं।

Syntax:- C:\> Vol

Ex:- C:\> Vol

 

10 Date Command:-  Date command मौजूदा दिनांक को दर्शाता या इसे बदल देने की क्षमता प्रदान करता हैं।

Ex:- C:\> Date

यदि आपको दिनांक नही बदलना हैं तो Enter को दबाइए। यदि दिनांक बदलना हैं तो नया दिनांक महीना-दिन-वर्ष के रूप में टाइप कीजिए।  

11 Time Command:- Time कमाण्ड द्वारा मौजूदा समय को दर्शा सकते हैं या समय की सूचना को बदल सकते हैं

Ex:- C\> Time

यदि आपको समय नही बदलना है तो enter दबाएं और यदि समय को बदलना हैं तो सही समय टाइप करें।

12 CLS Command जब स्क्रीन पर लिखे सारे संदेश साफ करना चाहते हों तो निम्न कमाण्ड टाइप करेंः

C:\> Cls

13 Type Command :-कभी-कभी फाइल के विशय वस्तु को देखने की आवष्यकता पड़ती हैं। अतः फाइल की विशय सूची को दर्शाने के लिये Type कमाण्ड का प्रयोग करते हैं।

Ex%&C:\> Type myfile1.txt  

14 Path Command:- Path Command एक आंतरिक कमाण्ड हैं जिसका परिचय डॉस के 2.00 संस्करण में ही हुआ था। इसका प्रयोग दूसरे डायरेक्ट्री या डिस्क पर उपलब्ध फाइलो को एक्सेस करने में होता हैं। पाथ कमाण्ड को सामान्यतः Autoexec.bat फाइल मे एक पंक्ति के रूप मे प्रविष्ट किया जाता हैं।

पाथ कमाण्ड का प्रयोग पाथ सेटअप को दर्शाने के लिये किया जाता हैं साथ ही इसकी सहायता से नया पाथ सेट भी कर सकते हैं।

Ex%& C:\> Path

15 Echo command:- इस Command के द्वारा किसी भी text को सीधे prompt पर लिख सकते है।

C:\>Echo <text>

C:\>echo this is my first file.

16 Ver command :- इस Command के द्वारा MS-DOS के Version को देख सकते है।

C:\> VER

17 Prompt command  इस Command के द्वारा Prompt को बदल सकते है।

Syntax C:\>Prompt  <$ than alphabets>

$A     &       (ampersand)

$B      |          (pipe)

$C      (         (left parentheses)

$D     date

$E      escape code (ASCII  code 27)

$F      (         right parentheses

$G     >        (greater than)

$H     backspace (erase previous character)

$L      <        less than

$N     current drive

$P      current drive and path

$Q     =        equal

$S      space

$T      current time

$V     windows version

$_      return

$$      $        dollar sign

Ex:-  c:\> prompt  $q$g

प्राम्पट इस तरह दिखेगा

=>prompt  $p$g                 

C:\>

External Command

CHKDSK Command-इस कमाण्ड को डिस्क में खाली स्थान और मैमोरी के विशय में सूचना प्राप्त करने के लिये प्रयोग किया जाता है।

उदाहरण-

C:\> CHKDSK  

XCOPY Command- XCOPY कमाण्ड Copy Command, से उत्तम कमाण्ड है। डॉस के संस्करण 3.2 और बाद के सभी संस्करणों में यह सुविधा उपलब्ध है। यह कमाण्ड बहुत तेज है। तथा सारी डारेक्टरी व उप-डायरेक्टरी तथा उनकी फाइले (सिस्टम फाइलो व छिपी फाइलो को छोड़कर) कॉपी करने में मदद करती है। इस कमाण्ड का प्रयोग इस प्रकार करते हैः

Syntax XCOPY  <Source File>  <Target File>

Ex. XCOPY/s mlc mlc1

यहॉ mlc subdirectory के अंदर के सभी subdirectory एवं file को mlc1 नाम के subdirectory में कर देगा।

PRINT Command-PRINT कमाण्ड डॉस के 2.00 तथा बाद के संस्करणों में उपलब्ध है। इस कमाण्ड का प्रयोग अन्य क्रियाओ को करने के दौरान एक या अधिक फाइलो को प्रिंट करने में होता है। जब Print Command का प्रयोग होता है। यह लगभग 3200 बाइट मेमोरी में जगह लेता है। फाइल को प्रिट करने के लिये फाइल का मानक टेक्स्ट या एसकी में होना आवश्यक है। तथा साथ ही प्रयोग में  लाये जा रहे प्रिंटर के साथ इसका सामंजस्य हो। इसका प्रारूप यह है।

Syntax;-Print <फाइल का नाम>

Ex:- Print myfile.txt

DISKCOPY  Command-फ्लॉपियों की कॉपियों बनाना काफी उपयोगी है। क्योकि अधिकांष फ्लॉपियां बार-बार  प्रयोग करने से खराब हो जाती है या इस्तेमाल करने योग्य नहीं रहती है। इस स्थिति में पास दूसरे फ्लॉपी होगी। जिसमें वही सूचना है जो पहली फ्लॉपी में खराब हो गई है। इस कमॉण्ड को लागू करने के लिये पहले Diskcopy टाइप करें फिर एक खाली जगह छोड़ें और अंत में ड्राइव के नाम टाइप करें। Diskcopy कमाण्ड के द्वारा केवल एक प्रकार की फ्लॉपी से उसी प्रकार की फ्लॉपी की प्रतिलिपि बनाई जा सकती है। फ्लॉपी की प्रतिलिपी बनाने के लिये निम्न कमाण्ड टाइप करंे।

A:\>DISKCOPY A: B:

DISKCOMP Command- दो डिस्को की तुलना के लिये DISKCOMP कमाण्ड का प्रयोग होता है।

C:\>DISKCOMP A: B:               

DOSKEY Command –

विकल्प                    कार्य

पिछले डॉस कमाण्ड को वापस प्रॉम्प्ट पर लाता हैं। म्ैब् का प्रयोग कर आप इसे रदद् करते हैं।

F7                        कमाण्ड का इतिहास प्रदर्शित करता हैं।

Alt+F7               कमाण्ड इतिहास को साफ करता हैं।

F8                       कमाण्ड इतिहास को ढूँढता हैं।

F9                          कमाण्ड का चयन F7 के द्वारा प्रदर्शित संख्या के आधार पर करता हैं।

Alt+F10                सभी मैक्रो परिभाषा को साफ करता हैं।

DOSKEY कमाण्ड का प्रयोग डॉस संस्करण 5.00 से प्रारम्भ हुआ तथा इसके बाद के संस्करणो में भी यह उपलब्ध हैं। इस कमाण्ड का प्रयोग करने से पहले इसे मेमोरी मे सक्रिय करना होता हैं। इसको सक्रिय करने के लिये DOSKEY टाइप करें तथा Enter कुजीं दबाएँ। इस कमाण्ड का प्रयोग डॉस प्रॉम्ट पर प्रयोग किये जाने वाले डॉस कमाण्ड्स को मेमोरी बफर (Memory Buffer) में संगृहित करने में होता हैं तथा बफर (Buffer) से कमाण्ड को ऊपर तथा नीचे कुंजी की सहायता से उसी क्रम में प्रदर्षित करवाया जा सकता हैं जिस क्रम में उसका प्रयोग किया गया हैं। इसके अतिरिक्त सारणी में दिये गये विकल्पो का भी प्रयोग कर सकते हैं।

C:\>Doskey            

TREE Commands& इस कमाण्ड से सभी डायरेक्टरियो और उप-डायरेक्टरियो की एक वृक्ष (जैसे कि वृक्ष का तना और उसकी षाखाएँ) के रूप में सूची तैयार हो जाती हैं।

C:\>Tree

इससे C डिस्क की सभी डायरेक्ट्रीयो और उप-डायरेक्ट्रीयो सारणी की भांति सूची तैयार हो जाएगी। इस प्रकार डायरेक्ट्री संरचना का मानचित्र देख सकते हैं। प्रत्येक डायरेक्ट्री का नाम सूची में हैं डायरेक्ट्रीयो में शामिल डायरेक्ट्रीयां भी प्रदर्शित हो गई हैं। पंक्तियो से पता चलता हैं कि ये डायरेक्ट्रीयां किस प्रकार व्यवस्थित हैं।

        A ड्राइव में लगी फ्लॉपी की डायरेक्ट्रीयां देखने के लिये फ्लॉपी को फ्लॉपी ड्राइव मे प्रविश्ट कराएं तथा निम्न कमाण्ड टाइप करेंः C:\>Tree

        निम्न कमाण्ड देने से केवल डायरेक्ट्रीयां और उप-डायरेक्ट्रीयां ही प्रदर्शित नही होगी बल्कि उनके अन्तर्गत फाइले भी प्रदर्शित हो जाएगी।                                                                                                                                       

C:\>Tree /F

MOVE Command- डायरेक्ट्री का नाम बदलने के लिये Move कमाण्ड का प्रयोग करते हैं। कमाण्ड प्रॉम्प्ट पर Move उसके बाद जिस फाइल का नाम बदलना है वह और फिर नाम तथा तीनो के बीच स्थान छोड़कर टाइप करे।

उदाहरणः- C:\> MOVE  MLC  MLC1

कमाण्ड MLC नाम की डायरेक्ट्री का नाम बदलकर MLC1 कर देगा।

LABEL Command& LABEL डॉस का एक बाह्य कमाण्ड हैं जिसका परिचय डॉस के 3.00 संस्करण में हुआ था। इसका प्रयोग डिस्क पर Volume Label बनाने, बदलने या मिटाने में होता हैं। डिस्क पर नया Volume Label लिखने का प्रारूप हैं-

C:\> LABEL A:

लेबल का नाम कुछ भी 11 अक्षर ( characters ) का हो सकता है। पहले से उपस्थित लेबल को बदलने के लिये जिस ड्राइव का लेबल बदलना है उस ड्राइव से LABEL टाइप करे तथा Enter कुजीं दबाएँ। तत्पश्चात् यह प्रदर्शित होगा-

C:\> LABEL

Volume in drive c has no label

Volume Serial Number is 104d- 14d4

Volume label <11 character, Enter for none >?

APPEND Command & APPEND कमाण्ड PATH  कमाण्ड के समान ही होता हैं। जिसमें यह डॉस से डायरेक्ट्री को ढँूढवाता हैं। साथ ही किसी विशेष फाइल का वर्तमान डायरेक्ट्री ढँूढने देता हैं। वर्तमान डायरेक्ट्री हमेशा सबसे पहले ढँूढा जाता हैं। इसके बाद डॉस निश्चित फाइलो को उन डायरेक्ट्री में खोजता हैं जो आपने  APPEND कमाण्ड के साथ दिया हैं।

APPEND कमाण्ड एक बाह्य कमाण्ड हैं किन्तु एक बार लोड हो जाने के बाद यह मेमोरी मंे स्थान ले लेता हैं तथा यह आंतरिक कमाण्ड की तरह हो जाता हैं। इसका प्रयोग कई प्रकार से किया जा सकता हैं। जिसका विवरण प्रस्तुत हैं-

कमाण्ड  कार्य

APPEND                 जब APPEND कमाण्ड का प्रयोग अकेले किया जाता हैं तब यह append  किये गये फाइल के पाथ की एक सूची प्रदर्शित करता हैं। इस कमाण्ड को देने के बाद यदि कोई append किया गया पाथ नही उपलब्ध होता हैं तो यह No Append संदेश प्रदर्शित करता हैं।

APPEND                       पहले से Append  किये गये पाथ (Path) को रदद् करता हैं।

APPEND/PATH:ON

                                       पुराने पाथ को फिर से यथास्थिति में पहँुचा देता हैं।

APPEND/PATH:OFF    यह डॉस के तत्काल पाथ को निरस्त करता हैं तथा डॉस केवल उन्ही फाइलो को एक्सेस कर पाता हैं जो कि चालू डायरेक्ट्री में हैं।

इसी प्रकार Append को और भी कई विकल्प के साथ प्रयोग किया जा सकता हैं।

FORMAT Command&जब नई फ्लॉपी खरीदते है तो प्रयोग करने से पहले उसे फॉरमेट करना होता हैं, जिसके द्वारा फ्लॉपी इस लायक हो जाती हैं कि कम्प्यूटर उसे पढ़ सके। इसके लिये पहले Format टाइप किया जाता हैं। इसके बाद एक जगह खाली छोड़कर उस ड्राइव का नाम टाइप किया जाता हैं जिसे फॉरमेट करना चाहते है। ड्राइव अक्षर के बाद कोलन (:) लगाना जरूरी हैं।

C:\> FORMAT  A:         

स्क्रीन पर निम्न सूचना आयेगी -

Insert new diskette for drive a:

And strike Enter when ready….

ड्राइव मे फ्लॉपी प्रविष्ट कराएं, जिसको फॉरमेट नही किया गया है, फिर Enter दबाएं। फ्लॉपी की फॉरमेटिंग हो जाने के बाद स्क्रीन पर निम्न सूचना दिखेगी-

Volume Label <11 character] Enter for none >

यहाँ पर फ्लॉपी को नाम भी दे सकते हैं। यदि नाम नही देना हैं तो Enter दबाएं। इसके पश्चात् डॉस पूछेगा कि दूसरी फ्लॉपी को फॉर्मेट करना हैं या नही (Format another Y/N ) यदि और किसी फ्लॉपी को फार्मेट नही करना हैं तो N टाइप करें।

SORT Command&Sort Command Dos का फिल्टर command है। जो Dos के संस्करण 2.00 में सम्मिलित किया गया था। यह एक बाहरी(External) कमॉण्ड Sort Command Text  या संख्यात्मक डेटा को रोक कर इसे अल्फान्यूमेरिक(Alphanumeric) क्रम में व्यवस्थित करता है।

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C:\>copy con name.txt

Neeta Sharma        9876543312

Geeta Singh           9876523345

Swati Verma          9876425781

^Z or F6 (Save)

C:\>Sort  <Source File>  <Target File>

C:\>Sort  name.txt  name1.txt

C:\>Type name1.txt

Geeta Singh           9876523345

Neeta Sharma        9876543312

Swati Verma          9876425781

 

Visual Basic .Net Programming

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